A Thursday :- A Thursday not as good as A Wednesday

निर्देशक :- बेहजाद खंबाटा

कलाकार :- यामी गौतम , नेहा धूपिया , डिंपल कपाड़िया और अतुल कुलकर्णी

OTT :- Disney Plus Hotstar

⭐⭐💫 2.5 / 5

दर्द या पीड़ा सबसे ज्यादा कब महसूस होती है ???

जब वह आपकी अपनी होती है।

किसी और का दर्द उसी क्षमता से महसूस करने की क्षमता हम अभी तक अपने अंदर विकसित ही नहीं कर पाए हैं और जिन्होंने यह क्षमता जब कभी भी विकसित की है, वह समाज को हमेशा उन्नति की ओर ही लेकर गए हैं।

कुछ अपराध अक्षम्य होते हैं और उनको क्षमा की दृष्टि से देखे जाने का अर्थ है, उस अपराधिक सोच या मानसिकता को बढ़ावा देना। सही समय पर पड़ा हुआ एक थप्पड़ लोगों को पथ भ्रमित होने से बचा लेता है।

A Thursday भी हमारे सामने ऐसे ही विषय को अपने तरीके से प्रस्तुत करने का प्रयत्न करती है। फिल्म का विषय अच्छा है और फिल्म जो कहना चाहती है वह लोगों की आवाज भी है। लेकिन जब आप कोई फिल्म देख रहे होते हैं तो आपकी उम्मीद एक थ्रिलर फिल्म से क्या होती है, कि वह आपको विस्मित करें आपको चौकायें… तो यह फिल्म नहीं कर पाती है। जो भी फिल्म के अंदर हो रहा है उसका अंदाजा आप उसको देखते हुए लगा सकते हैं लेकिन हाँ यदि आप फिल्म देखना शुरू कर चुके हैं, और आपको फिल्म की कहानी का अंदाजा नहीं है, तो यह कहानी आप को पकड़ कर रखती है क्योंकि कुछ ना कुछ घटित हो रहा होता है।

फिल्म का मुद्दा बहुत अच्छा है लेकिन फिल्म विषय के दर्द को महसूस कराने में असफल रहती है, आप किरदार के दर्द से अपने आप को जोड़ नहीं पाते हैं तो जो भी यह फिल्म कर रही है वह बहुत ही उथला सा प्रतीत होने लगता है।

फिल्म बहुत सारे तारों को छूती है, वह सिस्टम को झंकझोर कर जगाने की बात करती है। वह मीडिया और सोशल मीडिया पर टिप्पणी करती है। फिल्म आपको सचेत और जागृत करने की तरफ प्रयासरत है। लेकिन इस तरह की जागृति पहले काफी फिल्में फैला चुकी हैं तो कुछ नया नहीं लगता है। नया है तो,

यामी गौतम को इस अवतार में देखना और वह प्रभावशाली भी दिखी हैं।

फिल्म को एक बार अवश्य देखा जा सकता है किंतु

A Wednesday को दिमाग से निकालने के उपरांत क्योंकि, नाम में समानता है काम में नहीं ।

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